आईटीआई में 150 से भी ज्यादा ट्रेड है, फिर वेल्डर ट्रेड में ही एडमिशन क्यों ले? आपको पता है  DGT भारत सरकार ने ट्रेड्स को दो वर्गों (Category) में  विभाजित किया है-:

1.) इंजीनियरिंग ट्रेड्स

2.) नॉन इंजीनियरिंग ट्रेड्स

वेल्डर ट्रेड इंजीनियरिंग ट्रेड है जिसमे एडमिशन लेने के लिए आपको न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8 वी पास चाहिए होती है| क्या आपको वेल्डर ट्रेड में एडमिशन लेना चाहिए या नहीं ? ये सवाल आपके मन्न में जरूर उठता होगा जब भी आप आईटीआई में एडमिशन लेने के लिए सोचते होगे| अगर आपके मन्न में भी ये सवाल उठता है तो आज आपको आपके इस सवाल का जवाब मिल जायेगा| 

क्या वेल्डर ट्रेड से आईटीआई करनी चाहिए ?

वेल्डर ट्रेड वास्तव में क्या है ? क्या वेल्डर ट्रेड से आईटीआई करनी चाहिए ?

वेल्डर का कार्य औद्योगिक क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग इमारतों, पुलों, वाहनों, जहाजों, और मशीनों के निर्माण में होता है। वेल्डर का कौशल लगभग हर प्रमुख उद्योग में काम आता है, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स में।

वेल्डर ट्रेड पूरा करने के बाद सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अच्छे अवसर होते हैं। साथ ही, व्यक्ति अपना खुद का वेल्डिंग बिजनेस भी शुरू कर सकता है। 

वेल्डर ट्रेड उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो तकनीकी शिक्षा में रुचि रखते हैं और मैन्युअल कार्य में निपुणता प्राप्त करना चाहते हैं। यह कोर्स न केवल तकनीकी कौशल प्रदान करता है बल्कि स्वरोजगार के रास्ते भी खोलता है।

वेल्डर ट्रेड में क्या क्या सिखाते है ?

आईटीआई की वेल्डर ट्रेड में विद्यार्थियों को वेल्डिंग के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमे आपको विभिन्न धातुओं को वेल्ड करना सिखाया जाता है | वेल्डिंग के तीनो प्रकार के बारे में आप इस ट्रेड में पढेंगे:

1) आर्क वेल्डिंग (Arc Welding)

2.) गैस वेल्डिंग (Gas Welding)

3.) एमआईजी/टीआईजी वेल्डिंग (MIG/TIG Welding)

वेल्डिंग के साथ साथ  आपको इस ट्रेड में इंजीनियरिंग ड्रॉइंग और ब्लूप्रिंट को पढने और समझने की क्षमता भी विकसित की जाती है ताकि वेल्डिंग कार्य को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके|

वेल्डर ट्रेड से निकलने वाली सरकारी नौकरी

विशेष रूप से प्रमुख सरकारी संस्थानों और उद्योगों में वेल्डर ट्रेड से नौकरी निकलती है:-

1.) DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन)

2.) BHEL (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड)

3.) रेलवे और अन्य सार्वजानिक उपक्रम (PSU)

4.) सेना और अन्य रक्षा विभाग

5.) राज्य सरकार के पावर प्लांट्स और फैक्ट्रियों में

सार्वजानिक उपकर्म का मतलब है ऐसे संस्थान जिसका स्वामित्व, प्रबंधन, संचालन और नियंत्रण केंद्र सरकार , राज्य सरकार या दोनों के हाथ में हो| DRDO में तकनीशियन A के रूप में वेल्डर ट्रेड की भर्ती करता है इसके अलावा वो कंपनिया जो धातु की वस्तुओ का निर्माण करती है, या ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग करती है वो हमेशा से वेल्डर के कर्मचारियों की नियुक्ति करते है| इसके अतिरिक्त शिपबिल्डिंग सेक्टर और इंजीनियरिंग सेक्टर में भी वेल्डरों को विभिन्न परियोजनओं के लिए भर्ती करते है|

वेल्डर ट्रेड के बाद कौन कौन से बिज़नस खोले जा सकते है?

क्या वेल्डर ट्रेड से आईटीआई करनी चाहिए ?

वेल्डर ट्रेड से आईटीआई करने  के बाद कई वेल्डर छात्र अपना खुद का व्यवसाय शुरू करते है, जैसे :

1.) वेल्डिंग वर्कशॉप : जहाँ पर छोटे-बड़े मेटल के काम किए जा सकते है जैसे: गेट, ग्रिल्स, रेलिंग्स |

2.) ऑटो रिपेयर या निर्माण उद्योग से सम्बंधित छोटे व्यवसाय

3.) मशीन रिपेयर और मेंटेनेंस: ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल मशीनों की रिपेयरिंग और मेंटेनेंस सेवाएं प्रदान करना।

4.) फेब्रिकेशन यूनिट: बड़ी फैक्ट्रीज के लिए  मेटल की संरचनाएं तैयार करना|

5.) कंस्ट्रक्शन: इमारतों और पुलों में स्टील की संरचनाओ का निर्माण|

 अब आप हमें अपनी राये बताइए comment करके क्या वेल्डर ट्रेड से आईटीआई करनी चाहिए ?

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