कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की केंद्रीय क्षेत्र योजना (PM-USP CSSS) के लिए दिशानिर्देश|
(शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू) इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा उच्चतर माध्यमिक / कक्षा XII बोर्ड परीक्षा के परिणामों के आधार पर प्रदान की जाती है। प्रति वर्ष अधिकतम 82,000 नई छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं, जो स्नातक / स्नातकोत्तर डिग्री या पेशेवर पाठ्यक्रम (जैसे चिकित्सा, इंजीनियरिंग आदि) के लिए होती हैं।
योजना का उद्देश्य
गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करते समय उनके दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
छात्रवृत्ति का आवंटन
छात्रवृत्तियों की कुल संख्या को राज्य की 18-25 वर्ष आयु वर्ग की जनसंख्या के आधार पर राज्य शिक्षा बोर्डों में विभाजित किया जाता है, और CBSE और ICSE बोर्डों का हिस्सा उनके पास किए गए छात्रों की संख्या के आधार पर अलग किया जाता है। 50% छात्रवृत्तियाँ लड़कियों के लिए आरक्षित हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए आरक्षित कुल छात्रवृत्ति में से 3% लद्दाख के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी।
छात्रवृत्ति के लिए पात्रता
- कक्षा XII (10+2) में संबंधित बोर्ड परीक्षा में सफल उम्मीदवारों के 80वें प्रतिशतक से ऊपर आने वाले छात्र।
- नियमित डिग्री पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहे हों और पत्राचार या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से नहीं।
- छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ता के लिए प्रति वर्ष पारिवारिक आय अधिकतम 4.5 लाख रुपये तक होनी चाहिए।
- प्रत्येक वर्ष छात्रवृत्ति नवीनीकरण के लिए कम से कम 50% अंक और 75% उपस्थिति आवश्यक है।
आरक्षण
आरक्षित श्रेणियों / कमजोर वर्गों / अल्पसंख्यकों के छात्रों को केंद्रीय आरक्षण नीति के अनुसार आरक्षण का लाभ मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन केवल ऑनलाइन प्राप्त किए जाते हैं। छात्रवृत्तियों के लिए चयन राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) के माध्यम से किया जाएगा।
छात्रवृत्ति की दर और अवधि (वित्तीय वर्ष 2022-23 से)
स्नातक स्तर पर छात्रवृत्ति की दर प्रति वर्ष 12,000/- रुपये है और स्नातकोत्तर स्तर पर प्रति वर्ष 20,000/- रुपये है।
छात्रवृत्ति का भुगतान
छात्रवृत्ति प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) मोड के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी।
कॉलेज / विश्वविद्यालय के लिए
प्रत्येक संस्था/राज्य में आवेदन सत्यापन से पहले संस्थान नोडल अधिकारी (INO)/ राज्य नोडल अधिकारी (SNO) का आधार-आधारित प्रमाणीकरण अनिवार्य है।
राज्य सरकार / राज्य बोर्डों के लिए
स्कूलों/कॉलेजों के माध्यम से योजना का पर्याप्त प्रचार किया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में सहायता मिल सके।
शिकायत निवारण
योजना के संबंध में किसी भी शिकायत के लिए इस लिंक पर शिकायत दर्ज की जा सकती है:
http://pgportal.gov.in/grievancenew.aspx
हमारे whatsapp community ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करे :-https://whatsapp.com/channel/0029VaDON3T5q08X4sKvj81Z
प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लाभ क्या हैं
प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना (PM-USHA) भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने के लिए कई लाभ प्रदान करती है। यहां PM-USHA के मुख्य लाभ दिए गए हैं:
PM-USHA के मुख्य लाभ
संस्थानों के लिए बढ़ा हुआ वित्त पोषण:
यह योजना राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे स्थापित गुणवत्ता मानकों और मापदंडों को पूरा करें।मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना:
PM-USHA योजना के तहत विशेष रूप से अविकसित क्षेत्रों में नए मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना की जाती है, जिससे उच्च शिक्षा तक पहुंच में वृद्धि होती है।समावेशन पर ध्यान:
यह कार्यक्रम लैंगिक समानता और समावेशन को बढ़ावा देता है, और हाशिये पर रहने वाले समुदायों से नामांकन बढ़ाने और शिक्षा में लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने वाली पहलों का समर्थन करता है।बुनियादी ढांचे में सुधार:
यह योजना आईसीटी आधारित डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करती है, जिससे छात्रों के लिए बेहतर शैक्षिक संसाधन और शिक्षण वातावरण उपलब्ध होता है।अनुसंधान और नवाचार का समर्थन:
इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल बनाना है, जिससे शैक्षणिक परिणामों में सुधार हो।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के साथ समन्वय:
PM-USHA को NEP के साथ समन्वित किया गया है, ताकि राज्य सरकारें उच्च शिक्षा में आवश्यक सुधार लागू कर सकें, जिससे बेहतर प्रशासन और शैक्षणिक मानकों को प्राप्त किया जा सके।राज्यों के लिए लचीलापन:
यह कार्यक्रम राज्यों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों को अनुकूलित करने की अनुमति देता है, जिससे संसाधनों के आवंटन और कार्यान्वयन रणनीतियों पर उनका अधिक नियंत्रण होता है।महत्वाकांक्षी जिलों पर ध्यान:
यह योजना विशेष रूप से महत्वाकांक्षी जिलों और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों पर केंद्रित है, ताकि इन क्षेत्रों में शैक्षिक पहुंच में सुधार किया जा सके।शिक्षक क्षमता निर्माण:
पहल में शिक्षक विकास कार्यक्रमों का प्रावधान शामिल है, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता और शैक्षिक वितरण तंत्र को बेहतर बनाया जा सके।निगरानी और मूल्यांकन ढांचा:
योजना के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक मजबूत ढांचा सुनिश्चित करता है कि निधियों का उपयोग पारदर्शी और उत्तरदायी तरीके से किया जा रहा है।
संक्षेप में, PM-USHA का उद्देश्य वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचे में सुधार, समावेशिता को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय शैक्षिक लक्ष्यों के साथ समन्वय के माध्यम से भारत में उच्च शिक्षा के मानकों को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना है।
योजना के तहत कौन-कौन से राज्य शामिल हैं
प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना (PM-USHA) के तहत निम्नलिखित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं:
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- बिहार
- झारखंड
- पंजाब
- हरियाणा
- गुजरात
- महाराष्ट्र
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- कर्नाटक
- उड़ीसा
- उत्तराखंड
- दिल्ली
हालांकि, 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जो कि योजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक है। यह गतिरोध योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डाल सकता है