आजकल किसी भी प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए सबसे पहले PRN (Permanent Registration Number) बनवाना जरूरी होता है। PRN एक यूनिक नंबर होता है जो हर छात्र को उसकी पढ़ाई के दौरान दिया जाता है। लेकिन PRN बनाने के लिए आधार कार्ड क्यों जरूरी है? आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।
🔑 PRN Generate करने के लिए आधार कार्ड क्यों जरूरी है?
आईटीआई में नामांकन करने वाले हर प्रशिक्षार्थी के लिए Permanent Registration Number (PRN) बनाना अनिवार्य होता है। यह प्रक्रिया प्रशिक्षार्थी की पहचान और सरकारी रिकॉर्ड में उनके प्रशिक्षण की वैधता को सुनिश्चित करती है। PRN जनरेट करने के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता क्यों होती है, इसे हम चार मुख्य चरणों में आसान भाषा में समझा सकते हैं:
1️⃣ पहचान की पुष्टि (Identity Verification)
कॉलेज या यूनिवर्सिटी को यह जानना जरूरी होता है कि छात्र की पहचान असली है या नहीं। आधार कार्ड एक सरकारी दस्तावेज है जिससे छात्र की सही पहचान की पुष्टि हो जाती है।
2️⃣ डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन से बचाव
कई बार छात्र एक से अधिक बार रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं जिससे रिकॉर्ड में गड़बड़ी हो जाती है। आधार कार्ड के जरिए हर छात्र का केवल एक ही PRN बनता है।
📚 उदाहरण:
अर्जुन नाम का एक अभ्यर्थी CTS (Craftsman Training Scheme) कोर्स में प्रवेश लेना चाहता था। उसने वर्ष 2024 में आईटीआई एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, जिसमें उसने कुल चार ट्रेड — RAC (Refrigeration and Air Conditioning), इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक और फिटर चुने।
अर्जुन के 10वीं/12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर उसे राजकीय आईटीआई में फिटर ट्रेड में प्रवेश प्रदान किया गया। हालांकि अर्जुन की प्राथमिकता RAC ट्रेड में थी, लेकिन अपने जनपद की राजकीय आईटीआई में उसे वह ट्रेड उपलब्ध नहीं हो सका। परिणामस्वरूप, उसे दूसरे जनपद की राजकीय आईटीआई में COPA (Computer Operator and Programming Assistant) ट्रेड में प्रवेश मिल गया।
अर्जुन RAC ट्रेड से ही पढ़ाई करना चाहता था, इसलिए उसने वर्ष 2025 में पुनः आईटीआई फॉर्म भरा। इस बार उसने अपनी व्यक्तिगत जानकारी (डिटेल्स) में कुछ बदलाव कर दिए और एक प्राइवेट आईटीआई में RAC ट्रेड के लिए प्रवेश प्राप्त कर लिया और नियमित रूप से अध्ययन शुरू कर दिया।
जब सभी राज्यों ने वर्ष 2025 के नए एडमिशन डेटा को SIDH पोर्टल पर ट्रांसफर किया, तो अर्जुन का डेटा पोर्टल पर ट्रांसफर नहीं हो पाया। इसका कारण यह था कि SIDH पोर्टल पर अर्जुन का डेटा पहले से ही सत्र 2024 में उपलब्ध था और PRN (Permanent Registration Number) भी उसी वर्ष जनरेट हो चुका था।
इस उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि यदि एक ही छात्र बिना आधार कार्ड और सत्यापन के अलग-अलग वर्षों में अलग-अलग विवरणों के साथ एडमिशन लेता है, तो उसका डेटा डुप्लिकेट माना जा सकता है और नया एडमिशन सिस्टम में रजिस्टर नहीं हो पाता। यही कारण है कि आधार कार्ड आधारित PRN जनरेशन अनिवार्य है, ताकि प्रत्येक छात्र का सटीक और एकल पहचान रिकॉर्ड सिस्टम में बना रहे।
3️⃣ डिजी लॉकर (Digi Locker) से लिंक
आधार कार्ड से PRN लिंक होता है, जिससे छात्रों की मार्कशीट और सर्टिफिकेट Digi Locker में सेव हो जाते हैं। इससे डॉक्यूमेंट कभी खोने का डर नहीं रहता।
4️⃣ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए
अगर आप स्कॉलरशिप या किसी अन्य सरकारी योजना के लिए आवेदन करते हैं, तो आधार नंबर और PRN जरूरी होता है। इससे आपकी योग्यता की सही जांच हो पाती है।
🎓 किन-किन कोर्सों में आधार जरूरी होता है?
📘 1. ITI (Industrial Training Institute)
📗 2. पॉलिटेक्निक / डिप्लोमा कोर्स
📙 3. D.El.Ed / B.Ed कोर्स
📕 4. स्नातक (Graduation) और स्नातकोत्तर (Post-Graduation)
📒 5. स्कॉलरशिप वाले कोर्स
❓ अगर आधार कार्ड नहीं है तो क्या करें?
अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो आप नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाकर बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी:
पासपोर्ट साइज फोटो
जन्म तिथि का प्रमाण (जैसे 10वीं की मार्कशीट)
पता प्रमाण (जैसे बिजली बिल या राशन कार्ड)
आज के समय में आधार कार्ड एक बहुत ही जरूरी दस्तावेज बन चुका है। खासकर अगर आप किसी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं और PRN जनरेट करना है, तो आधार कार्ड के बिना यह संभव नहीं है। यह आपकी पहचान, पढ़ाई का रिकॉर्ड और सरकारी योजनाओं से आपको जोड़ता है।
👉 इसलिए हर छात्र को सलाह दी जाती है कि समय रहते अपना आधार कार्ड जरूर बनवाएं और उसे PRN जनरेट करते समय इस्तेमाल करें।